Saturday, August 27, 2011

lokpal

चौसठ साल है  गैइ ,
आए लै नि भै देर ,
ऐ गैइ जन तिरंग हाथ में ल्ही  ;
ख्वार गाँधी टॉपि पैर  बेर ,
के कारन भै सड्कन यतु भीड़
इतरी भारि के भै य पीड़,
भ्रसटाचारक छु य दानव ,
भगूड हूँ ऐगो धरती में महामानव,
जगै  हालि यैल भारतक जन ,
खिति आपुण ख्वार कफ़न ,
बार दिन बै भूखै फिर लै छन टनटन,
रामलीला मैदान में करण लागि   अनशन
तीन मांग छन सुण लिह्यो तुम विशेष जन
तत्काल खतम कर दयूँ आपुण अनशन
सिटीजन  चार्टर लोकायुक्त अफसरशाही ,
इन तीनो  कै शामिल कर लिह्यो  भाई,
युवराज  आब कुनैइ नि करो अन्ना बबाल
य छु हमरि संसद हमर विधान छु
सामणि वीक  धरून य़स संविधान  छु,
आब  देखन भुलि कसि हैं रफ़्तार ,
काहूँ जां य भ्रस्टाचार  ,
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