Wednesday, May 30, 2012

school teacher

मास्टर ज्यू हमौर गौं क

बदलि गैंइ मास्टर ज्यू ,
जो छी गौं में थाप.
हिटि लमालम, इस्कूल औंछी,
मोटर उतरि , औनी आब.
आंड़ कुर्त पैजाम,
छुट्नै रौंछी, पस्यण त्वाप.
खुट्न चपल्ल, हाथ में सिकौड़,
कानि लटकि छात.
नई छु जमान,
जीन्स पेंन्ट आंख में चशम.
गौवन   लटकि कैमरा,
जीपीएस पकड़ि हाथम.
ठुल छु बैग,
नानतिनों एकबटि जाओ,
टनट्न  घंटी लगाओ,
ऎ गैंई सैप.
हे दयानिधे! बुद्धि हमन कैं दे,
उठण बैठण, के त सीखै दे.
सुरयाव मिलि , किताब ऐगे,
सीसीई छु आइ, पास करण सुगम हैगे.
पढन लेखण, आब भै गौंण.
भोजन माता,
नानतिनौं कैं, भात खवै दे.
लकाड़ नि भै, कसि पाकूं भात,
पुराणि जो छन कुर्सी, तोड़ि दे,
मार जोर लात.
सेवारत ट्रेनिंग आइ ,
मास्टर न्है गे हाट.
शिक्षा छु अधिकार,
तमस मिटा ग्य़ान बांट.
मिलोल खस्यौर,
ड्रौप आउट भौत छु.
नान न्है गई टाइवाल इस्कूल,
आब जै मौत छु.
नै नै  हमर गौंक मास्टर ज्यू ,
सर्वशिक्षा में लागि भै.
चैन क चुपाड़ गुल्प्याक ड़्यौड़,
मास्टर ज्यूक हई भै.

lokpal aal

लोकपाल  आल

लोकपाल  आल,
भ्रष्टों कि अगियारि बुझाल.
हम छां इन्डियन,
हमर छु जाल .
हमुन धैं डर बेर,
कैं खुद फ़ांसि त नि लगाल,
हम छां  भारतवासी,
दुनि होल साक्षी.
दूत बणि बेर ,
ठाड.  है जून.
मौत कैं लै मात दि,
तुकैं छिन ल्यून.
अरे लोकपाल,
तोडि. भ्रष्टों क जाल ,
उनकैं पकडि. ल्यालै,
आपुं कैं न
भ्रष्टन कैं फांसि लगालै

LOKPAL

भ्रष्टाचार

सबै छ्न लाचार ,
मिटुण छु भ्रष्टाचार.
सरकारक  सब चाल,
 है गैंई बेकार.
जन लोकपालै कि लिजि ,
अन्नाल भरि हैलि हुंकार ,
 दिल्लीक  राम लीला मैदान,
उठिगो  भ्रष्टाचार क सवाल,
सार देश अन्ना अन्ना है गै,
मचि गो धमाल,
डटि रओ अन्ना दगडी छ्न ,
 भारताक आम  जन  .
दक्छिण  बै  गांधी ज्यूक दगडि ,
श्री वैंकट के  कुनैई ,
गांधी है बेर अन्ना ,
आघिल नै गैंई .
विशिष्ट  जन  कुनैई,
 को छु अन्ना, भ्रष्ट छु अन्ना,
 आम जन भारताक कुनैई,
 मैं छु अन्ना मैं छु अन्ना.
कैभै कुनै  छन,
तुमर जन लोक पाल,
कैभै कुनै छन,
 हमर मजबूत लोक पाल .
संवेदनशील छी अंग्रेज,
सुण छी गांधी ज्यूक सवाल.
य संवेदनहीन भ्रष्टाचार में लीन,
मचै सकनि बबाल ,
कभै संसद कभै संविधान ,
 नई नई लागनैई ल्याख.
जगै हैलि अन्नाल  सब जन ,
सार देश लागणै लागि जाग.