सरकार की सब चालें हुई बेकार .
जनलोकपाल बिल के लिए अन्ना ने भरी हुंकार.
रामलीला मैदान से उठाया है सवाल .
सारे देश अन्ना अन्ना हो गयी मच गया धमाल
डटे रहो अन्ना डटे रहो साथ में हैं किरण केजरीवाल .
गाँधी जी के साथी वन्केट खोल रहे पुराना पन्ना .
गाँधी से आगे निकल गए अन्ना .
कोई कहता कौन है अन्ना कोई कहता गलत है अन्ना .
धरती में उतर आया ऋषि हैं अन्ना
लोकपाल की रस्साकस्सी में भरी पड़ते अन्ना .
दिन से है भूखे जीवन दाव पर लगाये अन्ना .
कभी इधर तुम्हारा जनलोकपाल .
कभी उधर हमारा मजबूत लोकपाल
संवेदनशील थे अंग्रेज सुनते गाँधी के सवाल .
संवेदनशील थे अंग्रेज सुनते गाँधी के सवाल .
संवेदनहीन हैं भ्रस्टाचार में लीन हैं ये मचाते बबाल .
कभी संसद कभी सर्व दल बैठक नए बनते हालचाल .
है अन्ना जगाया तुमने जन को
देश उठने लगा सवाल .
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